"I would rather have questions that can't be answered than answers that can't be questioned".
Richard Feynman
"I would rather have questions that can't be answered than answers that can't be questioned".
Richard Feynman
Poetry
अस्तित्व
क्या हूँ ?क्या हूँ ? क्या हूँ ?में इस दुनिया में;
मेरा अस्तित्व क्या है; क्या में तिनका हूँ इस दुनिया में;
इक तिनका जो आँखों से ओजल हो जाता है कभी नजर तो कभी नजर भी न आता है;
नजरें उठा के देखो तो दीखता है एक छोटा सा कण;जो दुनिया के किसी हिस्से में जला जा रहा है;घूम रहा है अनजान राहों में इस कद्र चला जर हा है;
न मंजिल हैं; न रस्ते हैं ; न राहें हैं; न कुशी है ;न ग़म हैं ;न कराहे हैं;घूम रहा हूँ अनजान राहों में क्या में एसा तिनका हूँ; न आगे का फिक्र है न पीछे का घम क्या में इस जैसा तिनका हूँ;
कभी कभी तो मन में ख्याल आता है की में दुनिया में क्या हूँ; पर उन पर भी ख्याल जाता है जो दुनिया में क्या थे; जो एक तिनका था ,पुरा संसार समेट था, ये देश ही नही बल्कि पुरा संसार उनसे ज्ञान लेता था,
दुनिया की राहों में दिल खोल के निकले थे; हम ने सोचा था कभी भो भी तो तिनके थे